दरभंगा। 16 जुलाई। कोशी नदी गंगा के सहायक नदी अइछ जे नेपाल के पहाड़ सं निकैल क बिहार के रास्ते राजमहल के नजदीक गंगा में मिल जाइत छैथ, एकटा पुरान कहाबत छै जे कोसी प्रत्येक साल सब रूप में आबै लेल जानल जाइत छैथ, एही साल सेहो कोसी अपना रूप में एति इ निश्चित अइछ, एही तबाही स कम सं कम लाखो लोक प्रभाबित होइत छैथ आ हुनक सब एही नदी में समा जाइत छैक, एही स पीड़ित लोक के किछु मदद होइन्ह ओहि लेल मैथिल सेवा संस्थान आगू एलाह आ मैथिल सेवा संस्थान के अध्यक्ष बतउलैन्ह जे हर संभव प्रयाश हम करब एही पीड़ित के लेल आ तैयारी शुरू अइछ, कोशी नदी के तट पर गेला के बाद जे कोशिक कटाव देखब त किनको डरे हाल बेहाल भ जायत आ की बितैत हेतैन्ह पीड़ित के से बुझबा में आयत, कोशी नदी लगातार लोक के खेत अथबा घर के अप्पन पेट में समा क लोक के बेबश हेबय पर मजबूर क दैत छथिन्ह इ बहुत पैघ बिप्पति अइछ हम कोशी नदीक आस पास रहनिहाहर के लेल आ सब अपन बर्बादी आँखि के सामने देखै लेल मजबूर छैथ.
कोशी नदी सं पीड़ित के लेल मैथिल सेवा संस्थान आगु आयल.
Sanjeeb Kumar Jha
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