पुलिसक छवि 'निर्मल' करबाक लेल जुटली बेनीपट्टी केर एसडीपीओ निर्मला कुमारी

मधुबनी। 27 जून। आमतौर पर अगर पुलिस के चर्चा होयत अछि ते दिमाग में हुनकर नाकारात्मक छवि घूमे लागैत अछि। घूस लेब, बेगुनाह सभ के प्रताड़ित करब, बेवजह वर्दी केर रौब देखेब वगैरह-वगैरह। मुदा एसडीपीओ निर्मला कुमारी के काज देखि पुलिस केर प्रति अपनेक नजरिया बदैल जायत।

इ छथि बेनीपट्टी के एसडीपीओ निर्मला कुमारी। निर्मला अप्पन अद्भुत कार्यशैली के कारण हमेशा सँ  चर्चा म' रहैत छथि। आम जन क' पुलिस केर साकारात्मक सोच सँ जोड़बा म' आर पुलिस के प्रति आम जन म' साकारात्मक सोच पैदा  करबा म' निर्मला कुमारी केर अहम् भूमिका देखल जे सकैत अछि। स्वच्छ पुलिसिंग आर अपराधि सभ पर नकेल कसबाक संगे - संग  निर्मला समाज के सबसे वंचित तबका म' सेहो जागरूकता फैलाबैत छथि।

आमतौर पर बेसी काल एसडीपीओ तबका के अधिकारी आमजन के बीच सड़क पर नै देखायत अछि मुदा निर्मला बेसी काल आमजन केर बीच देखार दैत छथि। बात यदि जागरूकता रैली के करी ते निर्मला खुद रिक्शा या साइकिल पर बैस के आवाज आवाज बुलंद करैत भेटति। बात यदि वाहन चेकिंग के करी ते निर्मला खुद रोड पर लोक सभक वाहन केर जांच करैत देखार भेटति । कहीं समाज म' कुनु विवाद भ' गेल होय ते एक समाजसेवी केर  भूमिका म' दुनु पक्षक लोक के  समझाबैत देखार देती, एहने बहुत रास गप अछि जे  निर्मला कुमारी क' आर पुलिस पदाधिकारि सँ अलग देखबैत अछि।

मूल रूप सँ भोजपुर जिला के हथपोखर गामक निर्मला क' बच्चा सभ सँ बहुत लगाव छैन्ह, अप्पन व्यस्त जिनगी सँ कनिक समय चोरा के निर्मला स्कूली बच्चा सभ के सेहो दैत छथिन्ह, समय समय पर विद्यालय पहुँच बच्चा सभ के पढायब, बच्चा सभक बिच किताब, कॉपी, कलम आर चॉकलेट बाँटब, बच्चा सभक केश-नाख़ून काटब हुनक शौक छैन्ह।

2005 बैच के इ बीपीएस अधिकारी आमजन केर बीच जतेक सहज छथि, अपराधि आर क़ानून तोड़निहार बलाक लेल ओतबे शख्त। आन क्षेत्र जोका हिनका क्षेत्र म' अपराधिक घटना नैके बराबर होइत छैन्ह।

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