मुंबई। 10 जून। मुंबई केर रहनिहार 43 वर्षीय एक गृहणी आर हुनक 16 वर्षीय बेटी दुनु दसवीं के परीक्षा उत्तीर्ण करबा म' सफलता प्राप्त कएलनि। मार्च म' माध्यमिक स्कूल प्रमाण पत्र (दसवीं कक्षा) के परीक्षा म' पहिल दफा शामिल भेल दुई बेटिक माय सरिता जगाडे 44 प्रतिशत अंक हासिल कएलनि, जखन की हुनकर बेटी श्रुतिका 69 प्रतिशत अंक हासिल कएलनि। परीक्षा के परिणाम सोम दिन भेल छल।
(बाबूजी के देहांतक बाद छोडने रहथिन स्कूल)
शिवड़ी म' वागेश्वरी नगर के निवासी सरिता जगाडे वित्तीय बाधा सभक चलते चौथी कक्षा के बाद स्कूल जेनाय छोइड़ देना रहथिन। ओ कहली, हम अपन पढ़ाई पूरा नै क' सकैत रही। जखन हम्मर बाबूजी केर देहांत भेल, ओहि समय म' हम चौथी कक्षा मे रही। हम चैर बहिन आर एक भाई छी। सब बहिन क' घर चलेबाक लेल पाई कमाबै म' लागे परल। कर अपीलीय न्यायाधिकरण म' काज कराइ बला हुनकर पति विश्वनाथ जगाडे जखन हुनका पढ़ाई जारी रखबाक लेल प्रोत्साहित केलखिन तेँ सरिता कक्षा आठ मे दाखिला ल' रात्रि केर पाली म' पढ़ाई करब सुरु कएलनि। ओ कहली, करीब 35 सालक बाद दुबारा स्कूल जेनाय शुरआत म' बहुत खगल, लेकिन हम्मर पतिदेव हमरा सदिखन प्रोत्साहित केलाह। कुछ निनक बाद स्कूल जायब हमरा निक लागे लागल ।
(परीक्षा हॉल म' अजीब नजर सँ देखैत छथ लोग)
सरिता जगाडे के बरकी बेटी क्षितिजा सेहो उच्चतर माध्यमिक शिक्षा केर परीक्षा म' शामिल भेलि आर हुनका 48 प्रतिशत अंक हासिल भेलनि। इ तीनो माय - बेटी एक संग पढ़ाई कएलनि आर परीक्षा के कार्यक्रम केर मुताबिक घरक काम - काज सेहो मिल बांटी के कएलनि। तीनो माय - बेटी अलग-अलग परीक्षा केंद्र म' परीक्षा देलीह। सरिता जगाडे कहली, चूंकि परीक्षा हॉल म' हम सब सँ अधिक उम्रदराज रही, ताहि लेल हर कियो हमरा अजीब नजर सँ देखैत छलाह। हम महसूस कएलहुँ जे परीक्षा हॉल म' हमरा अइहें लोग क' देखब हुनका सभ ले असामान्य छैन्ह।
(बाबूजी के देहांतक बाद छोडने रहथिन स्कूल)
शिवड़ी म' वागेश्वरी नगर के निवासी सरिता जगाडे वित्तीय बाधा सभक चलते चौथी कक्षा के बाद स्कूल जेनाय छोइड़ देना रहथिन। ओ कहली, हम अपन पढ़ाई पूरा नै क' सकैत रही। जखन हम्मर बाबूजी केर देहांत भेल, ओहि समय म' हम चौथी कक्षा मे रही। हम चैर बहिन आर एक भाई छी। सब बहिन क' घर चलेबाक लेल पाई कमाबै म' लागे परल। कर अपीलीय न्यायाधिकरण म' काज कराइ बला हुनकर पति विश्वनाथ जगाडे जखन हुनका पढ़ाई जारी रखबाक लेल प्रोत्साहित केलखिन तेँ सरिता कक्षा आठ मे दाखिला ल' रात्रि केर पाली म' पढ़ाई करब सुरु कएलनि। ओ कहली, करीब 35 सालक बाद दुबारा स्कूल जेनाय शुरआत म' बहुत खगल, लेकिन हम्मर पतिदेव हमरा सदिखन प्रोत्साहित केलाह। कुछ निनक बाद स्कूल जायब हमरा निक लागे लागल ।
(परीक्षा हॉल म' अजीब नजर सँ देखैत छथ लोग)
सरिता जगाडे के बरकी बेटी क्षितिजा सेहो उच्चतर माध्यमिक शिक्षा केर परीक्षा म' शामिल भेलि आर हुनका 48 प्रतिशत अंक हासिल भेलनि। इ तीनो माय - बेटी एक संग पढ़ाई कएलनि आर परीक्षा के कार्यक्रम केर मुताबिक घरक काम - काज सेहो मिल बांटी के कएलनि। तीनो माय - बेटी अलग-अलग परीक्षा केंद्र म' परीक्षा देलीह। सरिता जगाडे कहली, चूंकि परीक्षा हॉल म' हम सब सँ अधिक उम्रदराज रही, ताहि लेल हर कियो हमरा अजीब नजर सँ देखैत छलाह। हम महसूस कएलहुँ जे परीक्षा हॉल म' हमरा अइहें लोग क' देखब हुनका सभ ले असामान्य छैन्ह।
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