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मैथिल आर मिथिला के समस्त पाठक गण  क' जितमोहन झा (जितू) के प्रणाम/नमस्कार

मित्रगण, अपने सब एहि जालवृत के लोकप्रियता क' शिखर तक पहुँचेलो ओहि लेल कोटि - कोटि धन्यवाद।  जेना की गीता सार में कहल गेल अछि "परिवर्तन ही संसार का नियम हैं" तें  एहि जालवृत में परिवर्तन करबाक समय आईब गेल अछि।

आब हम एहि जालवृत के एक रजिस्टर डोमिंग के संग न्यूज़ पोर्टल बनबे जे रहल छी। जालवृत जहिना रहे तहिना रहत मुदा आब आन सब रचना के संगे संग एहिठाम अप्पन मिथिला के समाचार सेहो प्रकाशित होयत।

नोट : चुकी जालवृत क' न्यूज़ पोर्टल बनबे जे रहल छी ताहि लेल थीम सब में कने परिवर्तन करे परत यदि अपने के कुनु दिक्कत हुवे ते माफ करब। 

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1 टिप्पणियाँ

  1. परिवर्तन के बिना ते संसार अधूरा अछि| ताहि लेल इहो जालवृत्त में किछू सुधार आ परिवर्तन होयवाक चाही|
    आहांक निर्णय स्वागत योग्य अछि|

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