मैथिलि रंग मंच में महिला लेल आब उज्जवल भविष्य (रूपम )


 मिथिलांचल टुडे    प्रकाशित  अनक  2  में - 
मैथिलि रंग मंच  में  महिला  लेल  आब   उज्जवल भविष्य (रूपम  ) 
        सात बरख क उम्र सओं रंगमंच स जुडनिहार रूपम श्री नैन ने तिरपित भेल स घर-घर मे चर्चित भ चुकल छथि। 2009 मे रंगकर्मी प्रमिला झा नाट्य वृति प्राप्‍त केनिहारि रूपम पंचकोशी सहरसा क नाम आइ अपन अभिनय कए नित्‍य निखारबा मे लागल छथि। मध्‍यवर्गीय परिवार लेल रंगमंच आ मैथिली रंगमंच मे महिला क भविष्‍य पर राष्ट्रपति स सम्मानित रूपम क संग विस्‍तार स गप केलथि अछि पत्रकार नीलू कुमारी। प्रस्‍तुत अछि गपशपक किछु खास अंश।

प्रश्न – अपन संबंध मे किछु बताऊ?
उत्तर – सहरसाक एकटा मध्यमवर्गीय परिवार मे 10 मई 1988 मे हमर जन्म भेल, पिताजीक छाँव बचपने मे हमरा सबके माथ स उठि चुकल छल, माँ पोस-पालि कए पैघ केलक आई हम जे छी हुनके बदौलत।
प्रश्न – रंगमंच स कोना जुड़लहूँ?
उत्तर – बचपन स हमरा रंगमंच स बेसी लगाव छल, स्कूल कॉलेज मे हम डांस करैत रही, एहि क्रम मे एक बेर सुजीत जी हमर डांस देखलथि। एकरा बाद ओ हमर घर पर एलथि आ हमरा कहलथि-‘रूपम अहां इप्टा स जुडू, इ एकटा एहन सार्थक मंच अछि जेतए अहांक प्रतिभा कए केवल सराहल नहि जाएत अपितु एकटा नीक मंच सेहो भेटत। हुनक आश्वासन पर 1995 मे हम इप्टा, सहरसा स जुड़लहूँ। तकर बाद त जेना हमर सपना कए पंख लागि गेल आ सबहक आशीर्वाद स आइ हम एहि मुकाम पर छी।
प्रश्न – एहि ठाम तक पहुंचबा मे कोन तरहक संघर्ष करए पडल?
उत्तर – कॅरियर मे जतय तक पहुंचलहु अछि, हमर माँ क पर्याप्त सहयोग रहल। कहियो कोनो काज लेल ओ मना नहि केलथि। शुरूआत मे बड़ दिक्कत भेल, तरह-तरह कए उलहन सुनए पड़ल। लड़की भ कए कोना मंच पर अभिनय करत, इ सब कहैत रहल। मुदा आब जखन ओ हमरा एहि मुकाम पर देखैत छथि, त सब कए नीक लगैत छैन।
प्रश्न-अभिनय क अलावा कोनो अन्य कैरियर सोचने रही?
उत्तर – हम संगीत स प्रभाकर केने छी, रंगमंच क अलावा संगीत क साधना सेहो चलैत अछि, अगर हम रंगमंच स नहि जुड़ल रहितहुं त संगीत क क्षेत्र म रहितहुं।
प्रश्न – अहाक नजरि मे मैथिली रंगमंचक की भविष्य अछि?
उत्तर – मैथिली रंगमंच क भविष्य खास क महिला लेल आब उज्जवल बुझा रहल अछि। एहि चारि-पाँच साल मे मैथिली क जे ग्लोबलाइजेशन भेल अछि ओहि स एकर भविष्य पर कोनो तरह क शक नहि कैल जा सकैत अछि। मैथिली रंगमंच सेहो आब अंतररास्ट्रीय स्तर पर अपन उपस्थिति देखा रहल अछि। मैलोरंग, मिथिलालंगन, मीनाप, पंचकोशी आदि-आदि संस्‍था रंगमंच सब मैथिल प्रतिभागी क सहयोग क रहल अछि।
प्रश्न – जीवन क कोनो अविस्मर्णीय क्षण जे अहा हमरा संग साझा करए चाहब।
उत्तर – हमर जिनगीक सबस पैघ क्षण छल तरंग महोत्सव मे उत्कृष्ट नृत्य प्रस्तुति लेल प्रतिभा सिंह पाटिल स पुरस्कार लेब। ओना जखन ‘’नैन न तिरपित भेल’’ क पोस्टर समस्‍त बिहार मे लागल छल आ हमर सखी-सम्बन्धी सब फोन पर हमरा बधाई देने रहथि ओ समय हम आइ धरि नहि बिसरलहुं अछि।
प्रश्न – अहांक पुरस्कार क सूची त बड पैघ अछि, किछु खास पुरस्कार क चर्चा करए चाहब?
उत्तर – 2003 मे खगौल, पटना मे हमरा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री स सम्मानित कैल गेल अछि आ तरंग महोत्सव मे उत्कृष्ट नृत्यक लेल द्वितीय पुरस्कार रास्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल स भेटल। संगहि 2009 मे मैलोरंग स प्रमिला झा नाट्य वृति आदि भेटल।
प्रश्न - नाटक क गप करब त अहंक सूचि ख़तम नै हाएत, किछु खास धारावाहिक वा नाटक केर चर्चा करए चाहब ?                                                                                                                                                              उत्तर - कनी हँसैत, सूचि ओतबो पैघ नै अछि मुदा नैन न तिरपित भेल स हमर कैरियर क मुकाम भेटल आ आई हम पटना, दिल्ली, कोलकता समेत कतेको मंच पर अपन अभिनय क प्रदर्शन कए छुकल छि, हमर प्रिय नाटक मे मधुश्रावणी, कनिया-पुतरा, आ पाँच पत्र अछि, ओना हमर प्रिय नाटककार महेंद्र मलंगिया जी छथि
प्रश्न – भविष्य मे कौन तरह क काज करब पसिन करब?
उत्तर – जतय काज भेटत आ नीक काज भेटत, हम जरूर करै चाहब। ओ संगीत क्षेत्र हुए वा अभिनय क्षेत्र।
प्रश्न – मिथिलांचल टुडे क ई अंक महिला विशेषांक अछि , एहन मे मिथिलानी लेल कोनो सन्देश।
उत्तर – निश्चित रूपेण महिला सब स इ कहै चाहब जे जों अहां रंगमंच स जुड़ल छी त पूरा जी जान स जुड़ल रहू, समाज क परवाह जुनि करू, जखन अहां मुकाम पर पहुंच जाएब तखन वैह आलोचक जे आइ अहांक आलोचना क रहल अछि ओ काल्हि अहांक सराहना करत।
मिथिलांचल टुडे स गप करबाक लेल बहुत बहुत धन्यवाद।
अहूं कए बहुत-बहुत धन्यवाद। मिथिलांचल टुडे प्रगति करए सैह माँ भगवती स कामना।
नीलू कुमारी
सहरसा  , बिहार 

1 टिप्पणियाँ

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  1. Bahut Bahut Dhanyabad Nilu Ji Je apney Rupam Jik Sang Gap Sap Ke Hamar Sabhak Sojha Rakhlahu. Khash Ka Haam Ati Prasann chhi Kiyek Ta Haam Rupam Jik Sang Kaek Din Dhari Nain Nahi Tirpit Mai Sangey Kaaj Keney Chhi aai Hunka ehi Mukaam Par Dekhi Hriday Sa Prassan Chhi. Bagwati enahi Hinka aur Aagu Badhabaith.. Hamar Sabhak aashesh Subhkamna.

    RANJEET KUMAR JHA

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