अजय ठाकुर (मोहन जी)- गजल

आहाक मीठ-मीठ याद में खोकर हम तऽ तनहा जी लै छी

याद बॅड जखन आबाई या तखन दु घोट शराब हम पी लै छी

आहाक मीठ-मीठ याद में खोकर हम तऽ तनहा जी लै छी

मिलयै जखन कनियो गम हमरा, याद आहाके कऽ लेल करे छी

लाख कहै दुनियाँ हमरा लेकिन, हम होट के सिब लैत छी

आहाँक मीठ-मीठ याद में खोकर हम तऽ तनहा जी लै छी!

आहाँक बितल याद में खोकर एक, मीठा दर्द हम पा लै छी

आहाँक छोट-छोट चिट्ठी के पैध कऽ कखनो क हैस लै छी

आहाक मीठ-मीठ याद में खोकर हम तऽ तनहा जी लै छी

किया छोरि देलो तन्हा हमरा, आहाँक तस्वीर सऽ कैह दै छी


रचनाकार :- अजय ठाकुर (मोहन जी)

अजय ठाकुर (मोहन जी)
ग्राम+पोस्ट - भाल्पट्टी
जिला - दरभँगा

1 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

एक टिप्पणी भेजें

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

और नया पुराने