संपूर्ण मिथिलावासीकेँ सूचित करैत अपार हर्ष भऽ रहल अछि जे आगामी २० जुन सँ २९ जुन २०११ धरि सौराठससौलासभा के मुहुर्त अछि। हलाँकि विगत किछु सालमें एहि सभाके समर्थन मूल्य में नहि सिर्फ ह्रास आयल बल्कि लगभग इ महत्त्वपूर्ण प्रथा लगभग लोपोन्मुख भऽ गेल अछि। जखन कि मैथिलवैवाहिकसभाके रूपमें प्रख्यात एहि सभाके मूल्य किनकहु सँ छुपल अछि से बात नहि। जेना-जेना हमरा लोकनि झूठ आ आडंबरमें फंसैत गेलहुँ, तहिना-तहिना मैथिली एवं मिथिलाके सर्वमान्य सिद्धान्त सभके छोड़ैत गेलहुँ। अतः समग्र मैथिल समाजसँ आग्रह जे एहि सभाके पुनर्जीवित करैक लेल, एकर गरिमाके पुनरुत्थान करैक लेल फेर सँ सभ केओ एकजूट भऽ के सभाके सफल आयोजन हेतु बेसी सँ बेसी संख्यामें सहभागी बनी।
एहि अभियानके जोर-शोरसँ प्रचार करय हेतु हमर निवेदन जे अपने जाहि गाम-शहर-बाजारमें जतेक मैथिल होइ, ताहि ठाम समुचित विज्ञापन एवं जन-जागरण के माध्यमसँ सभसँ सम्पर्क करैत हुनका लोकनिकेँ सौराठ सभामें उचित सहभागिता हेतु निवेदन करी।
जय मैथिली! जय मिथिला!!
अपनेक विचार पढबाक आश में - प्रवीण चौधरी ‘किशोर’
एहि अभियानके जोर-शोरसँ प्रचार करय हेतु हमर निवेदन जे अपने जाहि गाम-शहर-बाजारमें जतेक मैथिल होइ, ताहि ठाम समुचित विज्ञापन एवं जन-जागरण के माध्यमसँ सभसँ सम्पर्क करैत हुनका लोकनिकेँ सौराठ सभामें उचित सहभागिता हेतु निवेदन करी।
जय मैथिली! जय मिथिला!!
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