अप्पन मिथिला .....जेना नंदन कानन
जतऽ बहए सोन गंगा कोसी आ निरंजन ।
आउ कने लऽ चली जनकपुर धामवां
जतऽ बहए सोन गंगा कोसी आ निरंजन ।
आउ कने लऽ चली जनकपुर धामवां
राम जी आ सीता जीक विवाह स्थानवां
सीता जी स्वयंवर, आ हुनके आस्नान्वान
सोनमती दूधमती जलेश्वर धाम वान
अप्पन मिथिला ....अप्पन मिथिला ....अप्पन मिथिला
चलू कने सब कियो ....मधुबनी नगरिया
कला चित्रकारी करे सभके उजरिया ...
दरभंगाक राज पाट...महल ओ अटरिया
विद्यापतिक कविता अति मनोहरिया ,
सौराठ सभा गाछी के तँ अद्भुत नजरिया
अप्पन मिथिला ....अप्पन मिथिला ...अप्पन मिथिला
सीता जी स्वयंवर, आ हुनके आस्नान्वान
सोनमती दूधमती जलेश्वर धाम वान
अप्पन मिथिला ....अप्पन मिथिला ....अप्पन मिथिला
चलू कने सब कियो ....मधुबनी नगरिया
कला चित्रकारी करे सभके उजरिया ...
दरभंगाक राज पाट...महल ओ अटरिया
विद्यापतिक कविता अति मनोहरिया ,
सौराठ सभा गाछी के तँ अद्भुत नजरिया
अप्पन मिथिला ....अप्पन मिथिला ...अप्पन मिथिला
bad neek kavitaa, ehinaa likhait rahoo, muda kane jaldi-jaldi
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