राजनीती के टहल टिकोरा ,
सोषित पिरित जनता !
लाल चौक पर परसु देखल ,
बिजित युद्ध के झगरा !
कानी रहल अछी मात्रभूमि ,
आहित बित्ता बित्ता!
देशक रक्चक भक्चक भेला ,
हाक परु आब ककरा ??
आइए रहीम तुलसी में झगरा ,
सबहक सबरंग जत्था !
डेढ़ चाउरकेर सिक्ख्क खिचरी ,
लाल चौक पर परसु देखल ,
बिजित युद्ध के झगरा !
कानी रहल अछी मात्रभूमि ,
आहित बित्ता बित्ता!
देशक रक्चक भक्चक भेला ,
हाक परु आब ककरा ??
आइए रहीम तुलसी में झगरा ,
सबहक सबरंग जत्था !
डेढ़ चाउरकेर सिक्ख्क खिचरी ,
केने देसक टुकरा टुकरा !
लोसित भेल नैतिकताक डोरी ,
सगर कलंकित सत्ता ,
हम सब तैयो चुप्पी साधल ,
तारीत कतरा कतरा
जागु यौ नबतुरिया भारत
नबका भारत ठार करू!
अहिसौं जौं पालरा झारब,
करब की ??
आ कहब केकरा ???
स -स्नेह
विकाश झा
लोसित भेल नैतिकताक डोरी ,
सगर कलंकित सत्ता ,
हम सब तैयो चुप्पी साधल ,
तारीत कतरा कतरा
जागु यौ नबतुरिया भारत
नबका भारत ठार करू!
अहिसौं जौं पालरा झारब,
करब की ??
आ कहब केकरा ???
स -स्नेह
विकाश झा
vikas jee kavita badd neek lagal..maithil bandu lokain ken jagebak ekta safal pryas kene chhi ahan ehi kavita men...dhanyabad
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।