निगदति कुसुमपुरेऽभ्यर्चितं ज्ञानम्



निगदति कुसुमपुरेऽभ्यर्चितं ज्ञानम्

चन्द्रयाणक पूर्वापर,
आर्यभटक उद्घोष पड़ैत अछि मोन ।

एहि कुसुमपुरमे करैत छी ज्ञानक वर्णन,
नापल पृथ्वी,सूर्य आ चन्द्रक व्यास,
पृथ्वी अचला नहि
अछि गतिमान ई भू ।
भं अछि तरेगण जे अछि अचल,
ग्रहण नहि राहुक ग्रास, वरण अछि मात्र छाह।

चलू चन्द्रयाणक लेल बधाई,
इसरोक वैज्ञानिक लोकनिकेँ आ माधवन नायरकेँ,
आएल अर्यभट्टक पंद्रह सए साल बादो तँ की !
ओहि देशवासी लए नहि विलम्बित,
लीलावती पढ़ियो कए जे नहि गानि सकलाह तरेगण, कुसुमपुर नहि तँ श्रीहरिकोटामे सैह ई दिन।

कुसुमपुरमे ज्ञानक वर्णन नहि तँ,
कमसँ कम कसुमपुरसँ दए तँ दियौक बधाइ,
चन्द्रमाकेँ छूबाक लेल थारीमे पानि नहि राखब आब,
आर्यभटस्त्विह निगदति कुसुमपुरेऽभ्यर्चितं ज्ञानम्
कमसँ कम कसुमपुरसँ दए तँ दियौक बधाइ।

6 टिप्पणियाँ

मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

  1. कुसुमपुरमे ज्ञानक वर्णन नहि तँ,
    कमसँ कम कसुमपुरसँ दए तँ दियौक बधाइ,
    चन्द्रमाकेँ छूबाक लेल थारीमे पानि नहि राखब आब,

    nik

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  2. निगदति कुसुमपुरेऽभ्यर्चितं ज्ञानम्

    चन्द्रयाणक पूर्वापर,
    आर्यभटक उद्घोष,
    एहि कुसुमपुरमे करैत छी ज्ञानक वर्णन,
    नापल पृथ्वी,सूर्य आ चन्द्रक व्यास,
    पृथ्वी अचला नहि छथि गतिमान, अछि भू,
    भं अछि तरेगण जे अछि अचल,
    ग्रहण नहि राहुक ग्रास वरण अछि छाह।
    चलू चन्द्रयाणक लेल बधाई,
    इसरोक वैज्ञानिक लोकनिकेँ आ माधवन नायरकेँ,
    आएल अर्यभट्टक पंद्रह सए साल बादो तँ
    ओहि देशवासी लए नहि विलम्बित,
    लीलावती पढ़ियो कए जे नहि गानि सकलाह तरेगण
    कुसुमपुर नहि तँ श्रीहरिकोटामे ई दिन।
    कुसुमपुरमे ज्ञानक वर्णन नहि तँ,
    कमसँ कम कसुमपुरसँ दए तँ दियौक बधाइ,
    चन्द्रमाकेँ छूबाक लेल थारीमे पानि नहि राखब आब,
    आर्यभटस्त्विह निगदति कुसुमपुरेऽभ्यर्चितं ज्ञानम्
    कमसँ कम कसुमपुरसँ दए तँ दियौक बधाइ।

    aanandit kay delak ee blog.

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