आँखिसँ नोर खसाबै छी किया एना
मोती अपन लुटाबै छी किया एना
खाली बातसँ भेंटत नै किछो एतय
तखनो बात बनाबै छी किया एना
सुनि बेथा तँ मजा लेबे करत दुनिया
बेथा अपन सुनाबै छी किया एना
अपने सीबऽ पडत फाटल करेजा ई
अनकर आस लगाबै छी किया एना
अमृतक घाट तकै छी बिखक पोखरिमे
अचरज "ओम" कराबै छी किया एना
(दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ-ह्रस्व) + (ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ) + (ह्रस्व-दीर्घ-दीर्घ-दीर्घ)
(मफऊलातु-मफाईलुन-मफाईलुन)- १ बेर प्रत्येक पाँतिमे
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