गजल - जगदानन्द झा 'मनु'


भ्रष्टाचार केँ ठेका आजुक सरकार लेने 
कारी रुपैयाक करमान धर्माचार लेने 

बोगला भगत छै बैसल घाट-घाट पर 
खून पिबैक लेल तैयार हथियार लेने 

कर्तव्य बिसरल अछि मिडिया समाज में 
नीक बेजाए  छोरि कमाऊ समाचार लेने 

प्रेमक भाषा सिमैट गेल अछि पाई तक 
पाई  अछि एक दोसर सँ सरोकार लेने 

सुनलौं कोयला दलाली में मुँह कारी हैछै 
सगरो मुँह कारी छैक मिथ्या प्रचार लेने 

(वर्ण-१६ )
जगदानन्द झा 'मनु'

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