गजल - जगदानन्द झा 'मनु'


बूझलक नेता ई जनता पाकल अछि
आम जनता त ' सदिखन भागल अछि

बचल छै गाम में बूढ़ पुरान आ बच्चा
कबिलाहा सभ प्रदेश में पागल अछि

खेत बनल छै परती घर सुनसान
सूतैत पिच पर सभ अभागल अछि

पिया विरह में वौराएल नब कनियाँ
कनि कनि सगरो देह सुखायल अछि

जागू जनता जनार्दन आबो हक जानू
भगाबू ओकरा जे नेता बिकायल अछि

(वर्ण-१५ )
जगदानन्द झा 'मनु'

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