गजल@प्रभात राय भट्ट
गजल
साबन में बरसै छै
बदरिया गाम आबू ने पिया सबरिया
अंग अंग में उठल
दरदिया गाम आबू ने पिया सिनेहिया
प्रेम मिलन के
आएल महिना बड मोन भावन छै सावन
कुहू कुहू
कुह्कैय कोईलिया गाम आबू ने पिया सिनेहिया
नील गगन सीतल पवन
लेलक चढ़ल जोवन उफान
इआद अबैय प्रेम
पिरितिया गाम आबू ने पिया सिनेहिया
मोन उपवन साजन
प्रेम रासक रस सं भरल जोवन
मोन पडैय अहाँक
सुरतिया गाम आबू ने पिया सिनेहिया
मोन बौआइए किछु
ने फुराइए जागी जागी वितैय रतिया
पिया कटैय छि हम
अहुरिया गाम आबू ने पिया सिनेहिया
.................वर्ण:-२३.....................
रचनाकार:-प्रभात
राय भट्ट
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