अजय ठाकुर (मोहन जी)- गजल

हमर पेशेंस के अजमाकऽ, प्रिय प्रीतम के खुब मजा आबाई छैन
दिल के खुब जलाकऽ, प्रिय प्रीतम के खुब मजा आबाई छैन

खुब बात केला के बाद जहन हम कहे छियैन आब फोन राखु
बैलेंस के दिवाला निकैल कऽ,प्रिय प्रीतम के खुब मजा आबाई छैन

हुनका मालूम छैन जे हम नौकरी वाला छी मिलय नै जा सकब
लेकिन मिलय के कसम खुवाकऽ, प्रिय प्रीतम के खुब मजा आबाई छैन

हम तऽ ओनाहिये नशा में छी हमरा ओना नहीं देखु
मगर जाम-ए-नैन पिया कऽ, प्रिय प्रीतम के खुब मजा आबाई छैन

हम खुब कहे छियैन विवाह सऽ पहले इ सब ठीक नहीं या
सुतल अरमान के जगाकऽ,

रचनाकार :- अजय ठाकुर (मोहन जी)

अजय ठाकुर (मोहन जी)
ग्राम+पोस्ट - भाल्पट्टी
जिला - दरभँगा

1 टिप्पणियाँ

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