जीनगीक कष्ट सब अबिते रहत
आंखिक नोर सदिखन झरितॆ रहत ।
हृदयक भाव त पवित्र रखिने रहू
प्रेमक दीप सदिखन जरिते रहत ।
भावक सुख में त परम सुख भेटत
जीनगीक गाड़ी अहिना चलिते रहत ।
दिनक इजोरिया में खुब खुश रहू
रातुक अन्हरिया त अबिते रहत !
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