कुण्डली

सत असत मे भेद करू, राखू नै किछु रोख

ततमत नै करू कनियो, जे छै होनी लेख

जे छै होनी लेख, हुए से नीक निकेना

सत्यक जीत हएत , जँ करबै अकसतिकस ने

डर संग असत केर, डर ढाहू मध्य हृदयक

ऐरावतक बुझैत, यएह छी असत्यक सत

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मिथिला दैनिक (पहिने मैथिल आर मिथिला) टीमकेँ अपन रचनात्मक सुझाव आ टीका-टिप्पणीसँ अवगत कराऊ, पाठक लोकनि एहि जालवृत्तकेँ मैथिलीक सभसँ लोकप्रिय आ सर्वग्राह्य जालवृत्तक स्थान पर बैसेने अछि। अहाँ अपन सुझाव संगहि एहि जालवृत्त पर प्रकाशित करबाक लेल अपन रचना ई-पत्र द्वारा mithiladainik@gmail.com पर सेहो पठा सकैत छी।

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