इच्छा (कविता)

हमरा दवाइ नहि जहर चाही
हमरा लक्ष्य नहि बाट चाही
हम छी सदिखन अगिमुत्ता
हमरा शांति नहि क्रान्ति चाही


हमरा सितार नहि हथिआर चाही आगि लगेएबाक जोगाड़ चाही जे दै काटि मैथिली शत्रु के ओहन तेज प्रहार चाही

नहि हिन्दी हमरा मैथिली चाही
नहि बिहार हमरा मिथिला राज चाही
नहि हमरा अभिलाषा शांति-प्रेमीक
हमरा उष्ण शोणित गर्म मिजाज चाही

1 टिप्पणियाँ

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  1. नहि हिन्दी हमरा मैथिली चाही
    नहि बिहार हमरा मिथिला राज चाही
    नहि हमरा अभिलाषा शांति-प्रेमीक
    हमरा उष्ण शोणित गर्म मिजाज चाही
    hamro chahi bhai

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